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Kanak Bhawan AYODHYA

Hindu temple in Chandigarh

Updated: March 23, 2024 04:33 AM

Kanak Bhawan AYODHYA is located in Chandigarh (City in India), India. It's address is PQ55+33C, Burail, Burail Village, Sector 45, Chandigarh, 160047, India.

PQ55+33C, Burail, Burail Village, Sector 45, Chandigarh, 160047, India

Questions & Answers


Where is Kanak Bhawan AYODHYA?

Kanak Bhawan AYODHYA is located at: PQ55+33C, Burail, Burail Village, Sector 45, Chandigarh, 160047, India.

What are the coordinates of Kanak Bhawan AYODHYA?

Coordinates: 30.7076817, 76.757654

Kanak Bhawan AYODHYA Reviews

Indian.Travel.Bloggers
2021-10-18 17:38:42 GMT

beautiful mahal to visit in ayodhya.. Beauty personified at each corner of this mahal.. A must visit in UP.. Totally amazing pillars artwork.. Cheers ..

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Daljit Singh Dosanjh
2023-09-28 04:10:39 GMT

Very nice place to visit. Historical place beautifully built.

Nancy Dhawan
2022-02-05 15:32:15 GMT

The ‘Kanak Bhawan’ is the biggest, religiously one of the most important and architecturally an aesthetically built temple dedicated to Lord Ram and his divine consort Sita.

sandeep kumar gupta
2024-01-14 07:23:24 GMT

Good app

ajay sachdeva
2020-02-22 06:00:46 GMT

Best part of ayodhya city.

Nipun Aggarwal
2020-09-22 07:32:06 GMT

Beautiful and our heritage

GHANENDRA PATEL
2023-07-27 09:38:50 GMT

peaceful place

Anisha Goel
2018-12-25 07:18:12 GMT

😇😍

Ayush Vlogs
2018-11-08 17:24:04 GMT

Ram ki nagri.. Ayodhya nagri..

अयोध्या. मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में तो प्राचीन मंदिरों और सिद्ध स्थानों की कोई कमी नहीं है लेकिन कुछ ऐसे मंदिर भवन और महल हैं, जिनका सीधा सम्बन्ध अयोध्या के राजा श्रीराम से रहा है। उन्ही में से एक है अयोध्या का प्राचीन कनक भवन मंदिर। सुन्दर निर्माण शैली और विशाल प्रांगण में बना यह महल स्थापत्य कला का अद्भुद उदाहरण है। इस भवन के बारे में कथा प्रचलित है कि कनक भवन राम विवाह के पश्‍चात माता कैकई के द्वारा सीता जी को मुंह दिखाई में दिया गया था। जिसे भगवान राम तथा सीता जी ने अपना निज भवन बना लिया। उस समय का यह भवन चौदह कोस में फैली अयोध्‍या नगरी में स्थित सबसे दिव्‍य तथा भव्‍य महल था।

भगवान राम तथा माता सीता का भवन था कनक भवन
प्राचीन धार्मिक इतिहास के अनुसार, कनक भवन का निर्माण महारानी कैकेयी के अनुरोध पर अयोध्‍या के राजा दशरथ द्वारा विश्वकर्मा की देखरेख में श्रेष्ठ शिल्पकारों के द्वारा कराया गया था। मान्‍यताओं के अनुसार, कनक भवन के किसी भी उपभवन में पुरुषों का प्रवेश वर्जित था। भगवान के परम भक्‍त हनुमान जी को भी बहुत अनुनय विनय करने के बाद आंगन में ही स्‍थान मिल पाया। इसी मान्यता के तहत कनक भवन के गर्भगृह में भगवान श्रीराम-जानकी के अलावा किसी अन्य देवता का विग्रह स्थापित नहीं किया गया है।


कुश ने स्थापित की थी अपने माता पिता की प्रतिमाएं
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कई बार कनक भवन का जीर्णोधार कराया गया जिसमे त्रेता युग में भगवान राम के श्रीधाम जाने के बाद उनके पु्त्र कुश ने कनक भवन में रामसीता के मूर्तियां स्‍थ‍ापित कीं। समय का चक्र घूमने के साथ ही अयोध्या के समाप्त होने के साथ यह भवन भी जर्जर हो गया। प्राचीन पुस्तकों में इस भवन का जिक्र पाया जाता है। इसी स्थान पर कनक भवन से विक्रमादित्‍य कालीन एक शिलालेख प्राप्‍त हुआ है, जिसपर द्वापर युग का वर्ना अंकित था। उसमें लिखा था कि जब कृष्ण जरासंध का वध करने के उपरान्‍त प्रमुख तीर्थों की यात्रा करते हुए अयोध्या आए तो कनक भवन के टीले पर एक पद्मासना देवी को तपस्या करते हुए देखा। उन्होंने उस टीले का जीर्णोद्धार करवाकर मूर्तियां स्थापित की थीं। इसी शिलालेख में ही आगे वर्णन है कि संवत 2431 यानी आज से लगभग 2070 वर्ष पूर्व को समुद्रगुप्त ने भी इस भवन जीर्णोद्धार करवाया था। सन 1761 ई. में भक्त कवि रसिक अलि ने कनक भवन के अष्टकुंज का जीर्णोधार करवाया था।

ओरछा के राजा ने कराया वर्तमान कनक भवन का निर्माण
जिस काल में भगवान श्री राम की माता कैकेयी ने अपनी बहू सीता को यह भवन मुंह दिखाई में दिया था, वह त्रेता युग की घटना थी। समय बीतने पर यह भवन नष्ट हो गया, लेकिन शास्त्रों और प्राचीन धार्मिक इतिहास के आधार पर इसी स्थान को कनक भवन महल माना गया। वर्तमान के कनक भवन का निर्माण ओरछा राज्‍य के राजा सवाई महेन्द्र प्रताप सिंह की पत्नी महारानी वृषभानु कुंवरि की देखरेख में कराया गया था। सन 1891 ई. को उनके द्वारा प्राचीन मूर्तियों की पुन:स्र्थापना के साथ ही राम सीता की दो नये विग्रहों की भी प्राण प्रतिष्ठा करवाई गई। 

मंदिर के गर्भगृह के पास ही शयन स्थान है, जहां भगवान राम शयन करते हैं। इस कुन्ज के चारों ओर आठ सखियों के कुंज हैं, जिन पर उनके चित्र स्‍थापित किए गये हैं। सभी सखियों की भिन्न-भिन्न सेवाएं हैं। चारुशीला, जो भगवान के मनोरंजन तथा क्रीड़ा के लिये प्रबन्ध करती थी। इसी प्रकार क्षेमा, हेमा, वरारोहा, लक्ष्मण, सुलोचना, पद्मगंधा, सुभगा की भगवान के लिए सेवाएं भिन्‍न भिन्‍न हैं। ये आठों सखियां भगवान राम की सखियां कही जाती हैं। इनके अतिरिक्त आठ सखियां और हैं जिन्‍हें सीताजी की अष्टसखी कहा जाता है। उनमें चन्द्र कला, प्रसाद, विमला, मदन कला , विश्व मोहिनी,  उर्मिला, चम्पाकला, रूपकला  हैं। मान्यता है कि किशोरी जी प्रतिदिन श्रीराम को उनके भक्तों अर्थात भक्तमाल की कथा सुनातीं है। इसी भावना के तहत भक्तमाल की पुस्तक भी रखी रहती है। जानकी संग भगवान श्रीराम प्रतिदिन चौपड़ भी खेलते हैं, इसके लिए चौपड़ की भी व्यवस्था की गयी है।

आज भी कनक भवन में होता है भगवान का अहसास
अयोध्या के प्राचीन कनक भवन का महत्व इतना है कि संतों का मत है कि आज भी भगवान श्री राम सीता माता के साथ इस परिसर में विचरण करते हैं। इस आस्था पर विशवास करते हुए संतजन और श्रद्धालु इस परिसर में आकर अपने आप को प्रभु के समीप अनुभव करते हैं..
Source- Google

Shiva Sahab Singh
2018-11-09 03:07:12 GMT

अयोध्या जी के दर्शनीय स्थलों में से एक, बेहद खूबसूरत और दर्शनीय स्थलों में से एक।

Umesh Kumar
2021-12-21 01:09:56 GMT

Jay ho

Shaurya Tiwari
2019-10-02 09:58:47 GMT

Jai ho

Subodh Kumar Rastogi
2021-01-17 07:59:34 GMT

Kanak Bhawan is v good place for visit it is nice place Very neat and clean place .

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About Chandigarh
City in India

Chandigarh is a union territory and planned city in northern India, serving as the shared capital of the surrounding states, namely Punjab to the north, west and the south, and Haryana to the east. source

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